सिर्फ आप अपने खामोशियों तन्हाइयों से क्यों हैं बात

सिर्फ आप अपने खामोशियों तन्हाइयों
से क्यों हैं बात करते
कभी हमारी खामोशियों तन्हाइयों से भी इनकी
मुलाकात कराइए
फिर देखते हैं आगे आगे होता है क्या
चंद पंक्तियों में कहानी में है क्या
खामोशियां तन्हाइयां मिल जायेंगी
जिंदगी फिर से मुस्कुराने लग जायेगी। Open for Collab
शुभकामनाएं।

- प्रवासी
  अमिताभ झा
  अमिताभ झा प्रवासी
  #प्रवासी #pravasi
  Amitabh Jha
सिर्फ आप अपने खामोशियों तन्हाइयों
से क्यों हैं बात करते
कभी हमारी खामोशियों तन्हाइयों से भी इनकी
मुलाकात कराइए
फिर देखते हैं आगे आगे होता है क्या
चंद पंक्तियों में कहानी में है क्या
खामोशियां तन्हाइयां मिल जायेंगी
जिंदगी फिर से मुस्कुराने लग जायेगी। Open for Collab
शुभकामनाएं।

- प्रवासी
  अमिताभ झा
  अमिताभ झा प्रवासी
  #प्रवासी #pravasi
  Amitabh Jha