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सुबह के रूठे वो शब गुजरे मुस्काये हैं ग्रहण हटा और

सुबह के रूठे वो शब गुजरे मुस्काये हैं
ग्रहण हटा और हम भी अभी नहाए हैं
.
धीर ग्रहण
सुबह के रूठे वो शब गुजरे मुस्काये हैं
ग्रहण हटा और हम भी अभी नहाए हैं
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धीर ग्रहण