तुमसे ही ख़ुशियाँ सारी, तू मेरी रौनक-ए-बहार है। तू मेरी चाहत की सारी दुनिया, तू ही मेरा संसार है। तुमसे ही है ये ख़ुमारी, ये दिल तेरा तलबगार है। ये इश्क़ मुक़म्मल है मेरा, मैंने किया तुझसे प्यार है। तुमसे ही है सपनों जहाँ, तू हर रूप में स्वीकार है। तुझको चाहना मेरी इबादत, तू मेरा परवरदिगार है। तुमसे ही है ख़्वाहिश सारी, तुझे पाने की दरकार है। हो जाए पूरी हर आरज़ू, गर तू मेरी सलाहकार है। तुमसे ही है इश्क़ की बीमारी, तू ही गुनाहगार है। तू ही है अब दवा इसकी, जो सबसे असरदार है। ♥️ Challenge-706 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।