ख़्यालों सा ही दिल में आया करो, वक़्त की तरह न मुझे घुमाया करो। आजकल तो बारिशों का मौसम है, मिरी याद में कभी भीग जाया करो। प्यास मन में जगी है चातक की सी, स्वाति की बूँद बन बरस जाया करो। मैं वैसे कभी इतना बहका तो नहीं, पर तुम इस तरह न भी सताया करो। बन के कोकिल कभी गीत गाओ तो, फाग अमराई सी महक जाया करो। याद तुम्हारी आती है जिस तरह से, तुम भी ख़्वाब में ही सही आया करो। अब तो श्वास भर जीना है मुश्किल, 'अनाम' पास आकर गले लगाया करो। #shamaurtanhai #256 #anam #365days365quotes