°_श्रीरुद्राष्टकं_° तुलसीदास कृत "शिव रुद्राष्टकम्" (रुद्र + अष्टक) रुद्र ( शिव) के आठ श्लोकों के समूह में से चतुर्थ श्लोक -🌸 _________🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸_________ हे नीलकंठ ! हे आशुतोष ! हे कल्याणकारी शिव..तुम्हें नमन __________🌸🌸🌸🙏🌸🌸🌸🌸____________ श्लोक::- 🦚 चलत्कुण्डलं भ्रू सुनेत्रं विशालं प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् । मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं प्रियं शंकरं सर्वनाथं भजामि ॥ ४॥ _________🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸__________