अच्छा लगता है चुपके चुपके तुम ऐसे मिलते हो अच्छा लगता है तेरे साथ बस बैठ वक्त बीताना। अच्छा लगता है तेरे नाम के साथ मेरा नाम जैसे कोई सुबह जुड़ी हो हसीं शाम के साथ। तेरे बिना ये जिंदगी रुक सी जाती है मेरा दिल कहता है तू यहीं कहीं आस पास है। अच्छा लगता है तुम ज़रूरत नहीं जिंदगी के फिक्र हो तुम कर ना पाऊं कहीं भी वो ज़िक्र बन गए तुम। अच्छा लगता है तेरा साथ जिंदगी भर चाहिए तेरे साथ रहने रहने का ख़्वाब सजाने लगी हूं। अच्छा लगता है बन कर तेरा साया साथ निभाना है तुम जहां जहां जाओगे वहां वहां मुझे आना है। साया छोड़ देता है साथ अंधेरे में लेकिन अंधेरे में भी तेरा उजाला बनाना अच्छा लगता है। ♥️ Challenge-650 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।