क्या और ज़रिया नहीं जुगत का? है क्या धन ही आधार जगत का? इसके आगे सब धरा ही रह जाता, रिश्तों से ज़्यादा खरा कहा जाता, क्या इलाज भी नहीं ऐसी लत का, है क्या धन ही आधार जगत का? 📖 रचना विषय :- 'क्या धन ही आधार जगत का ?' 📖 06-10 पंक्तियों में अपनी उत्कृष्ट रचना करें ✍️ 📖 वर्तनी पर विशेष ध्यान दें। 📖 अपने मित्र रचनाकारों को भी इस विषय पर लिखने के लिए आमंत्रित व सूचित करें। 📃आवश्यक नियम व शर्तें पिन पोस्ट के कैप्शन में पढ़कर ही रचना पूर्ण करें। ©Image credit - copyright free #हिन्दी_काव्य_कोश #tmkosh #yqbaba #हिन्दी_काव्य_कोश