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कमजोर बढ़ा रहा हूं, पर अब होना मैं मजबूत चाहता हूं

कमजोर बढ़ा रहा हूं, पर अब होना मैं मजबूत चाहता हूं.....

जो कर बैठे हैं गुस्ताखियां, उन्हें देखना मजबूर चाहता हूं ।।

तमन्नाओं से भरा बैठा हूं, तकदीर में एक हूर चाहता हूं.....

नादान सा बालक हूं, अपनी मां की आंखों में नूर चाहता हूं ।।

                                              ~ Anshul Gautam





















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©Anshul Gautam Main Chahta Hu
कमजोर बढ़ा रहा हूं, पर अब होना मैं मजबूत चाहता हूं.....

जो कर बैठे हैं गुस्ताखियां, उन्हें देखना मजबूर चाहता हूं ।।

तमन्नाओं से भरा बैठा हूं, तकदीर में एक हूर चाहता हूं.....

नादान सा बालक हूं, अपनी मां की आंखों में नूर चाहता हूं ।।

                                              ~ Anshul Gautam





















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©Anshul Gautam Main Chahta Hu