मोहब्बत को जिसने भी पाया, उसने तन्हाई का सबब पाया , रूठ गया वो खुद से, ना मोहब्ब्त को पाया, ना वो खुद का ही हो पाया ।।।।। !!कलम के सिपाई!! हिंदी शायर__ "कलम के सिपाई"✍️✍️✍️✍️