इल्जाम गुस्ताखियों के ये जो हम पे लग चुके है।। जैसे मानो वो दिल में दस्तक देने से अब रुक चुके है लाख कोशिश है उन्हे आज भी अपना बनाने की,,,कोशिश है तो उन्हे जहन में बसाने की मगर कम्बखत अब दिले फरियाद भी झूठी तामील सी मालूम होने लगी है की हमारी हर कोशिश अब अधुरी सी होने लगी है चाहे लाख जमाने की भीड हो हमारे इर्द- गिर्द,,,पर सच की बात यही है की अब उनमे मौजुदा तेरा जिक्र नही है "हाँ गुस्ताखियो के ये इल्जाम हम पर लग चुके है ये जो कभी झूठ की दलील दिया करते थे अब वो थक चुके है" दिन गुज़रे,,गुज़रे है साल अब नही है तो उन्हे सिर्फ तेरा ख्याल कहते है कुछ बेसुध से वो हमसे की हम उन्हे नही समझ पाये अब हकीकत के आईने से तो कोई उन्हे रुबरु कराये की जरा हमसे बेहतर तो कोई उन्हे समझ के दिखाये ये जो गुस्ताखियों के इल्जाम लग चुके है की अब झुठी दलीले देने वाले भी थक चुके है।। #feelings #poetry #heart #hindi #emotions