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हे त्रिलोचन, सब के मन हो माधुर्यपूर्ण,मंसूख करो सम

हे त्रिलोचन, सब के मन हो माधुर्यपूर्ण,मंसूख करो समस्त अवगुण हमारे,
वरेच्छा हो अच्छे संसकारों से,कल्याण हो सबका ,सबको मिले निर्वाण।

मैत्रीपूर्ण भाव हो, स्वजन और सुहृदय प्यार ‌हो,
वारिधर से बरसे प्यार ‌हमेशा,ना मन में द्वेष का भाव हो,
हे अखिलेश्वर‌, बस इतनी कामना करती हूं,
मंदिर में ना ढूंढ़े तुम्हें कोई, सब के भीतर स्वयं आन‌ बसो। प्रिय लेखकों/ कातिबों

1: स्वागत है आपका इस नए विषय पर । कोलाब कीजिए, अपने मन के विचार व्यक्त कीजिए केवल भाषा संयमित रखें। अपने विचारों से दूसरों को भी सोचने पर विवश कर दें।

2 : केवल 4-6 पंक्तियों में लिखें।

3 : कोलाब से पूर्व पिन पोस्ट अवश्य पढ़ें।
हे त्रिलोचन, सब के मन हो माधुर्यपूर्ण,मंसूख करो समस्त अवगुण हमारे,
वरेच्छा हो अच्छे संसकारों से,कल्याण हो सबका ,सबको मिले निर्वाण।

मैत्रीपूर्ण भाव हो, स्वजन और सुहृदय प्यार ‌हो,
वारिधर से बरसे प्यार ‌हमेशा,ना मन में द्वेष का भाव हो,
हे अखिलेश्वर‌, बस इतनी कामना करती हूं,
मंदिर में ना ढूंढ़े तुम्हें कोई, सब के भीतर स्वयं आन‌ बसो। प्रिय लेखकों/ कातिबों

1: स्वागत है आपका इस नए विषय पर । कोलाब कीजिए, अपने मन के विचार व्यक्त कीजिए केवल भाषा संयमित रखें। अपने विचारों से दूसरों को भी सोचने पर विवश कर दें।

2 : केवल 4-6 पंक्तियों में लिखें।

3 : कोलाब से पूर्व पिन पोस्ट अवश्य पढ़ें।
mrsrosysumbriade8729

Writer1

New Creator

प्रिय लेखकों/ कातिबों 1: स्वागत है आपका इस नए विषय पर । कोलाब कीजिए, अपने मन के विचार व्यक्त कीजिए केवल भाषा संयमित रखें। अपने विचारों से दूसरों को भी सोचने पर विवश कर दें। 2 : केवल 4-6 पंक्तियों में लिखें। 3 : कोलाब से पूर्व पिन पोस्ट अवश्य पढ़ें। #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #दावत_ए_क़लम #dawat_e_kalam #दिव्य_कामना