विश्वास हद से ज्यादा विश्वास ही तो था हमारे बीच, जिसे हमने इक झटके में ही तोड़ दिया, अपनी मोहब्बत को हमने नफरतों से जोड़ दिया, उसकी हर बातों को सच मान लेती थी, क्योंकि हद से ज्यादा विश्वास जो करती थी, ऐसा नहीं था कि उसने मुझसे था कभी भी झूठ बोला, बस हमारे दर्मियां चल पड़ा था नफरतों का सिलसिला।।