इतनी बड़ी दुनिया में मेरे साथ मैं ही केवल था। मुझे चाहने वालों की फ़ेहरिस्त में मेरा नाम अव्वल था। रास्ते के काफिलों से मेरा क्या वास्ता जनाब जब मेरी जिंदगी में मेरा मुर्शिद ही शामिल था। किसी भी शय के आगे कभी उसने झुकने न दिया जिंदगी की कठिन डगर पे कभी उसने रुकने न दिया। वो मेरे खुदा का भेजा हुआ दोस्त बड़ा कामिल था। उसकी सोहबत का असर है मुझ पर कुछ ऐसा कि हर मुश्किल को आसान करने के मैं काबिल था। इतनी बड़ी दुनिया में मेरे साथ मैं ही केवल था। मुझे चाहने वालों की फ़ेहरिस्त में मेरा नाम अव्वल था। बी डी शर्मा चण्डीगढ़ केवल अव्वल