आख़िरी प्रेम कविता.... (Part-2) सुनो.... तुम आ तो रहे हो न..? लेकिन हां... तुम थोडा जल्दी ही आना.... वैसे मुझे मालूम है की देर से आना तो, पुरानी आदत है न तुम्हारी...! जैसे...