White यहाँ कोई हुस्न की तलाश तो कोई दौलत की आस करत

White यहाँ कोई हुस्न की तलाश तो कोई दौलत की आस करता है।
दूसरों पे क्या इलज़ाम दूँ मेरे अपने ही मुझे बदहवास करता है।
मैं चुप चाप रहता हूँ बस इसी खातिर मेरे दोस्त मेरे नवा तन्हा 
के मुझ मे थोड़ी सी इंसानियत और मानवता भी निवास करता है।

©तन्हा शायर #Thinking  motivational shayari Kartik Aaryan Islam attitude shayari shayari in hindi
White यहाँ कोई हुस्न की तलाश तो कोई दौलत की आस करता है।
दूसरों पे क्या इलज़ाम दूँ मेरे अपने ही मुझे बदहवास करता है।
मैं चुप चाप रहता हूँ बस इसी खातिर मेरे दोस्त मेरे नवा तन्हा 
के मुझ मे थोड़ी सी इंसानियत और मानवता भी निवास करता है।

©तन्हा शायर #Thinking  motivational shayari Kartik Aaryan Islam attitude shayari shayari in hindi