सुनो _ इज़्ज़त कि बात मत किया करो. क्योंकि तुम्हे इज्ज़त देना मुर्खता है | हैना! तुम तो अपने घमंड में चूर हो. और मैं आज भी औकात दिखाना जानता हूँ| इसका मतलब ये नहीं कि मैं बत्मीज हूँ| बस आज भी इज़्ज़त दौलत से नहीं, ज्ञान और विचारों से देने पर विश्वास करता हूँ| ©Akshat Mishra कभी कुछ गलत होते देखना तो फोड़ देना |