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चरागों में लौ अभी तक है बाकी, उसमें बेशक दम तो जरू

चरागों में लौ अभी तक है बाकी,
उसमें बेशक दम तो जरूर होगा,
हिज़्र के बाद भी बे-ज़ार हैं उनकी आँखे,
उनमें मेरा अभी गम तो जरूर होगा,
कहने को तो तुम खुदा हुए मेरे,
पर चश्मे-ऐ-रुसवाई खुदा का भी हुआ होगा,
हूँ आबाद, तेरे ही ख्यालों से, मेरे हमदम,
बेशक बर्बाद तो वो गुलशन भी हुआ होगा। #shubhuquotes Mubashira Sheikh
चरागों में लौ अभी तक है बाकी,
उसमें बेशक दम तो जरूर होगा,
हिज़्र के बाद भी बे-ज़ार हैं उनकी आँखे,
उनमें मेरा अभी गम तो जरूर होगा,
कहने को तो तुम खुदा हुए मेरे,
पर चश्मे-ऐ-रुसवाई खुदा का भी हुआ होगा,
हूँ आबाद, तेरे ही ख्यालों से, मेरे हमदम,
बेशक बर्बाद तो वो गुलशन भी हुआ होगा। #shubhuquotes Mubashira Sheikh