तु इंतिहा बहुत लेता है क्यु कन्हैया हर बार तराशता है मेरी क्षमताए देखता है या मुझे परखता है हम पुराने और परिणाम नया नया दिखाता है पर तु सोच ले हार ना मानुंगी लडाई आर या पार की है लक्ष्य एक दिन जरूर भेद डालुंगी जय श्री राधे ©Radhe Radhe लक्ष्य जरूर भेद डालुंगी