सूनी राहों में सावन ढूंढता हूँ तू ही है सनम मेरी तुझे ही ढूंढता हूँ यादों के बादल में आंखें बरसने को होती हैं ऐसा क्यूँ होता है इसका हल ढूंढता हूँ पास रहकर भी करीबी का अहसास नही होता फिर भी हर दिन मैं आस नही खोता ©Âmît Søñí #Duggutaku❤️ #IntimateLove