देखिये दिल की जमाखोरी को कितनी यादें सम्भाल रखी हैं हर वो चीज़ जो तुझसे है वाबस्ता कोने कोने में छुपा रखी है एक दरवाज़े के पीछे छुपी है तेरी हया और एक खिड़की से छांकती हैं तेरी अंगड़ाईयां एक कमरे में मिल जाएंगी बेतरतीब सी पड़ी कुछ तेरी शोखियां होंठों की सुर्खियां पास ही टेबल पर धूल में लिपटी तेरी मेरी पहली मुलाकात भी है पिछले कमरे में झांक कर देखो इक गीले पैकेट में लिपटे कुछ तेरे आँसू भी हैं गलियारे की खामोशी को तोड़ती तेरी चूड़ियों की खन खन और तेरी पाज़ेब का इठलाना भी है इतनी तरकीब से इन सबको तेरी ज़ुल्फों की स्याह चादर से ढांप रखा है कि बाहर से ये दिल खाली बंजर मकान सा लगता है हर मुलाक़ात से चुराकर चंद लम्हे इक अलग दुनिया बसा रखी है हर इक चीज़ जो तुझसे है वाबस्ता कोने कोने में छुपा रखी है देखिये दिल की जमाखोरी को कितनी यादें सम्भाल रखी हैं