कुछ शरमाई कुछ सकुचाई प्रेम-मिलन की बेला आई मेल-मिलाप का पहला अवसर उमंग हृदय में भर भर आई कभी यूँ भी हो सकता जीवन में नहीं थी ऐसी आस लगाई आज स्वप्न साकार हुआ है दिल हर्षित हो मान बढ़ाई नयनों ने उत्तेजित होकर उन नैनों को आवाज लगाई नैनों से जब नयन मिले तो हया भार ने पलकें झुकाई वो मुस्काए देख कर ये सब दिल दिमाग की ठनी लड़ाई अधरों में मुस्कान अप्रतिम मेरी अनचाही नादानी लाई #चौबेजी मिलन #चौबेजी #कविता #मिलन #नोजोटो #nojotohindi #nojotopoetry #nojoto #poem