रेल को डब्बो खाली हुई गयो अभी घर आना म दुरी चुप-चुप सहमी म्हारी सूरत देखे सामने बैठी छोरी ये देख मे बोल्यो थारे जैसी बहन है म्हारी गौरी वो मुस्का दी और कुछ सोची