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एक अदालत दिल लगाने वालों की होती जज बस तारिक पे

एक अदालत दिल लगाने वालों की होती 

जज बस तारिक पे तारिक देता रहता कभी सुनवाई ना होती 
 कोई दूसरा जुर्म ना होता बस महोब्बत करने वालो से अदालत  भरी होती। Internet Jockey Kumar Mukesh @j_$tyle Phurba Tamang Sanjay Kumar
एक अदालत दिल लगाने वालों की होती 

जज बस तारिक पे तारिक देता रहता कभी सुनवाई ना होती 
 कोई दूसरा जुर्म ना होता बस महोब्बत करने वालो से अदालत  भरी होती। Internet Jockey Kumar Mukesh @j_$tyle Phurba Tamang Sanjay Kumar