✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️
🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹
आरती अपने पति की फैक्ट्री के निकट बने एक कैफे में बैठी हुई थी। उसकी निगाहें बार-बार फैक्ट्री के मेन गेट की ओर उठ जातीं थीं । उसे अपने पति के फैक्ट्री से बाहर निकलने का इन्तजार था...,
कल उसे उसकी घनिष्ठ सहेली रेनू ने बताया था कि तुम्हारे पति हर महीने की पहली तारीख को किसी के घर रुपये देने जाते हैं। रेनू ने पहले भी कई बार इस बारे में आरती से बात करनी चाही थी मगर आरती को अपने पति देवेश पर इतना अधिक विश्वास था कि उसने रेनू की बातों पर कोई ध्यान नहीं दिया था। मगर कल जब रेनू ने आरती को बताया कि उसने पिछले महीने की पहली तारीख को देवेश को एक महिला के घर जाते स्वयं अपनी आँखों से देखा था तो यह सुनकर आरती बहुत परेशान हो उठी थी...,
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