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दोस्तों निजी जिंदगी की परेशानियां क्या कम थी , जो

 दोस्तों निजी जिंदगी की परेशानियां क्या कम थी ,
जो या निकम्मी सरकार एक के बाद एक रोज़ी रोटी को छीनने के रोज नए नए तरीक़े अपना रही है,
देश में अस्सी प्रतिशत् लोग दो वक्त की रोटी जुटाने में सारा दिन गधे की तरह मज़दूरी करते हैं और हताश हो जाते हैं,
ऐसे में इस हरामखोर निकम्मी सरकार ने वो दो वक्त की रोजी रोटी भी अब संकटग्रस्त बना दी है.

विनोद मेहरा 
9729645100
 दोस्तों निजी जिंदगी की परेशानियां क्या कम थी ,
जो या निकम्मी सरकार एक के बाद एक रोज़ी रोटी को छीनने के रोज नए नए तरीक़े अपना रही है,
देश में अस्सी प्रतिशत् लोग दो वक्त की रोटी जुटाने में सारा दिन गधे की तरह मज़दूरी करते हैं और हताश हो जाते हैं,
ऐसे में इस हरामखोर निकम्मी सरकार ने वो दो वक्त की रोजी रोटी भी अब संकटग्रस्त बना दी है.

विनोद मेहरा 
9729645100