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सुप्रभात जी, ******************* जय माँ वीणा वाद

सुप्रभात जी, 
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जय माँ वीणा वादिनी, जय हो बारंबार। 
कृपा  दृष्टि  रखना सदा, आए तेरे द्वार।। 

कलम सदा चलती रहे, झुके नहीं ये शीश 
हंस  वाहिनी  माँ  हमे, ऐसा दो  आशीष। 

ज्ञान शक्ति बढ़ती रहे, विद्या मिले अपार । 
लेखक सब आगे बढ़े, हो सपने साकार।।

©Uma Vaishnav
  #poetry #prabhati
umavaishnav1851

Uma Vaishnav

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poetry #prabhati

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