वक़्त वक़्त कहाँ है किसी के पास कोई यूँ ही चला जाता है बिना खबर, बिना किसी आवाज़ के कारवां ज़िन्दगी का थम सा जाता है ये फ़िक्र, ये ज़िक्र, ये तमाशे, ये दिखावे सब बेढंगे, बेमानी से लगते है यादों मे सिमट गयी ज़िन्दगी की जंग लौट आये शायद कभी, तसल्ली अच्छी है जानेवाला तो चला गया, रह गयी यादें वो मासूम, समझें भी तो क्या समझें अपनी माँ को देखे और औरो को देखे रोते रोते अपनी नन्ही सी उँगलियों को फेरे भूख लगी है माँ, उठ जाओ, मैं भूखा हूँ माँ उठ जाओ कोई बतलाये तो कैसे बतलाये माँ बहुत गहरी नींद मे चली गयी वापस आने की कोई गुंजाइश नहीं कुछ टूटे दिल, कुछ नम आँखें और बस कुछ बिखरे सपने समेटे एक टक देख खड़े है लोग वक़्त कहाँ है किसी के पास !! RIP Shanjan Raj #lifeisunpredictable #loss #shanjanraj #