Nojoto: Largest Storytelling Platform

होलिका_दहन होलिका हर साल जलाने का अर्थ

होलिका_दहन
होलिका   हर   साल   जलाने   का   अर्थ  क्या  हुआ
सोच   से  हर   इंसान   के   शैतान   तो   सामर्थ  हुआँ
हाथ   में  मशाल  वाले  इंसान  से  पूछतीं  हैं  होलिका
जलाने का प्रयास मुझको हर साल तेरा ब्यर्थ क्यों हुआ

शान  के  ही  अग्नि  में  ख़ुद  ही मैं जल गईं
अभिमान के और ताप में ख़ुद ही मैं तल गईं
देखती हूँ फ़िर वहीं इंसान सब मुझकों जलाते
इसलिए इन हाथों से हर बार जलने से रह गईं

प्रह्लाद जैसा बन के कोई गोंद में आ जाओ मेरे
प्यार की बयार से नहलाओ और बुझाओ मुझें
गर्व दर्प हिंसा नफ़रत निकाल दे जो मन से सारे
ऐसे कोई अग्नि में बस एक बार ही जलाओ मुझें

फ़िर देखना हर साल जलाने की कोई जरूरत नहीं
पाक दिल इन्सान में रहने की कोई हसरत नहीं
बुराईयाँ  मिट  जाए  ऐ  इंसान  गर तुझसे सभी
तो धरती पर रहने का कहीं घर नहीं चाहत नहीं ।।
©बिमल तिवारी "आत्मबोध" #Happy_holika_dahan
होलिका_दहन
होलिका   हर   साल   जलाने   का   अर्थ  क्या  हुआ
सोच   से  हर   इंसान   के   शैतान   तो   सामर्थ  हुआँ
हाथ   में  मशाल  वाले  इंसान  से  पूछतीं  हैं  होलिका
जलाने का प्रयास मुझको हर साल तेरा ब्यर्थ क्यों हुआ

शान  के  ही  अग्नि  में  ख़ुद  ही मैं जल गईं
अभिमान के और ताप में ख़ुद ही मैं तल गईं
देखती हूँ फ़िर वहीं इंसान सब मुझकों जलाते
इसलिए इन हाथों से हर बार जलने से रह गईं

प्रह्लाद जैसा बन के कोई गोंद में आ जाओ मेरे
प्यार की बयार से नहलाओ और बुझाओ मुझें
गर्व दर्प हिंसा नफ़रत निकाल दे जो मन से सारे
ऐसे कोई अग्नि में बस एक बार ही जलाओ मुझें

फ़िर देखना हर साल जलाने की कोई जरूरत नहीं
पाक दिल इन्सान में रहने की कोई हसरत नहीं
बुराईयाँ  मिट  जाए  ऐ  इंसान  गर तुझसे सभी
तो धरती पर रहने का कहीं घर नहीं चाहत नहीं ।।
©बिमल तिवारी "आत्मबोध" #Happy_holika_dahan