अगर ख़ुदा दे दे तुम्हें आँखें मेरी तुम जानो क्या है कहानी मेरी तुमने वो देखा ही नहीं कभी जो दिखाना चाहती थी आँखें मेरी वो तुम्हारा हाथ झटक चले जाना उस रात धड़कने थम गई थी मेरी कमल मिला था मुझसे रास्ते में कहीं देख के बोला अभी तक मौत हुई नहीं तेरी तुम तो कहती थी तुम्हे फ़िक्र रहती है अपनो की ये क्यों नहीं बताया तेरे अपनो में गिनती नहीं थी मेरी ©Kamal Kant #alone #Shayari #Poetry #2liners #broeknheart #alone #feelings 'दर्द भरी शायरी'