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इस मौसम की शरारत को समझती नहीं हो, वक्त की नज़ाकत

इस मौसम की शरारत को समझती नहीं हो,
वक्त की नज़ाकत को समझती नहीं हो।
कब क्या ही बयां करूँ मैं तुमसे,
तुम मेरे बेताब से हालत को समझती नहीं हो।

©Aarzoo smriti
  #मौसम की शरारत को

#मौसम की शरारत को

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