पूछ मत, कि तू मुझमें किस हद तक समाया था रातों में सपने तेरे, दिन में लवों ने तेरे नाम का ही गीत गया था वो आलम बेखुदी का कुछ ऐसा था कि खुद को खोकर तुझमें, तुझको खुद में पाया था Nojoto Maya'shayari# khud ko paya tha