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तुम्हें सपना कहूं या हकीकत ? रात को मैं जब भी सोने

तुम्हें सपना कहूं या हकीकत ?
रात को मैं जब भी सोने जाता हूं आंखें बंद करते ही 
तुम्हारे ख्यालों में गुम सा हो जाता हूं ,
ना चाहते हुए भी तुम्हारी वो हल्की सी मुस्कान और 
बिताए गए एक एक पल को याद करता हूं,
और एक लम्बी सी सांस लेकर करवटें बदल लेता हूं,
और इन सभी पलों को मैं अपनी डायरी के पन्नों में दर्ज कर लेता हूं....
                                                   
                                          
                                       @ शिवम्..श..... # फिर एक बार....
तुम्हें सपना कहूं या हकीकत ?
रात को मैं जब भी सोने जाता हूं आंखें बंद करते ही 
तुम्हारे ख्यालों में गुम सा हो जाता हूं ,
ना चाहते हुए भी तुम्हारी वो हल्की सी मुस्कान और 
बिताए गए एक एक पल को याद करता हूं,
और एक लम्बी सी सांस लेकर करवटें बदल लेता हूं,
और इन सभी पलों को मैं अपनी डायरी के पन्नों में दर्ज कर लेता हूं....
                                                   
                                          
                                       @ शिवम्..श..... # फिर एक बार....

# फिर एक बार.... #story