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Part-3 देख मेरे दोस्तों को देवर, हमको अपना वो बुल

Part-3
देख मेरे दोस्तों को देवर,
 हमको अपना वो बुलाती है।
 सिर्फ मैं नहीं....
 वह भी मुझ पर जान लुटाती है।
 कहती है कभी दूर नहीं होंगे,
 दो जिस्म एक जान मानती है।
 शायद यही रास नहीं आया ऊपर वाले को ,
फिर एक दिन अचानक ...
उसकी शादी कहीं और तय हो जाती है ।
आखिरी मुलाकात में, 
वह नम आंखों से हमसे जुदा हो जाती है।
 जानती है पगली ....
उसके रोने से मैं टूट जाऊंगा, 
सामने मेरे अश्क का ,
एक कतरा भी नहीं बहाती है।
 मुझे भी मालूम है कि, 
अपने बाबा का बहुत सम्मान करती है ,
उनके फैसले का विरोध कभी नहीं करती है।
 बाबा के गुस्से से बहुत डरती है ,
अपने प्यार को कुर्बान करके,
 शादी के बंधन में बंध जाती है।
 मिल जाए बाजार में गर कभी ,
पहले की तरह देख मुझे .....
खिलखिलाती है।
कुछ देर निहारने के बाद,
 अपने माथे पर सिंदूर देख .....
सिहर सी उठती हैं ।
रिश्ते ख़त्म नहीं हुए साहब ,
बस बदल गए हैं ....
अब मुझे बीता हुआ कल मानती है.
 मगर मेरी मां से मिलने पर...
 वह पगली आज भी मां कहती है।।

©Sujeetwrites #sujeetwrites#love#my girlfriend

#raindrops
Part-3
देख मेरे दोस्तों को देवर,
 हमको अपना वो बुलाती है।
 सिर्फ मैं नहीं....
 वह भी मुझ पर जान लुटाती है।
 कहती है कभी दूर नहीं होंगे,
 दो जिस्म एक जान मानती है।
 शायद यही रास नहीं आया ऊपर वाले को ,
फिर एक दिन अचानक ...
उसकी शादी कहीं और तय हो जाती है ।
आखिरी मुलाकात में, 
वह नम आंखों से हमसे जुदा हो जाती है।
 जानती है पगली ....
उसके रोने से मैं टूट जाऊंगा, 
सामने मेरे अश्क का ,
एक कतरा भी नहीं बहाती है।
 मुझे भी मालूम है कि, 
अपने बाबा का बहुत सम्मान करती है ,
उनके फैसले का विरोध कभी नहीं करती है।
 बाबा के गुस्से से बहुत डरती है ,
अपने प्यार को कुर्बान करके,
 शादी के बंधन में बंध जाती है।
 मिल जाए बाजार में गर कभी ,
पहले की तरह देख मुझे .....
खिलखिलाती है।
कुछ देर निहारने के बाद,
 अपने माथे पर सिंदूर देख .....
सिहर सी उठती हैं ।
रिश्ते ख़त्म नहीं हुए साहब ,
बस बदल गए हैं ....
अब मुझे बीता हुआ कल मानती है.
 मगर मेरी मां से मिलने पर...
 वह पगली आज भी मां कहती है।।

©Sujeetwrites #sujeetwrites#love#my girlfriend

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