यकीं का दौर फिर चल पड़ा हैं पर वो बा-यकीन नहीं करता, कोई कह दे मेरे खिलाफ कुछ तो वो कान अपने उधर नहीं करता!! लुक छिप राहों पे मेरी वो निगाहें अपनी रखा करता हैं, पर जो पास से गुजर जाऊ तो मेरी ओर अपनी नजर नही करता!! अंधियारों में बन जुगनू वो मेरी रातों को ख्वाबों सा रोशन रखता हैं, पर वो बन हक़ीक़त खिड़कियों से आकर मेरी सहर नहीं करता!! किस्से कहानियों में सुनाकर इश्क़ को ज़हनों में जिंदा रखा करता हैं, पर इजहार ए मोहब्बत करके "ख्वाहिश" मोहब्बत को तेरी अमर नहीं करता !! #Love #khwahishsha #latest #gazal