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ए वतन, ना जाने कितने सिंदूर उजड़ गए तेरे आजादी में

ए वतन, ना जाने कितने सिंदूर उजड़ गए तेरे आजादी में
खुश होके दे दी जिंदगी भारत मां तेरी आंचल में
खुशनसीब समझता हूं खुद को ,ऐसे वतन में जन्म हुआ
जन्हा  देश का बच्चा बच्चा मर मिटने के लिए तैयार रहा
ऐसे वीर गाथाओं को सुनके रोएं रोएं खड़ा हो जाता है
भारत मां  आज भी तेरे हिफाजत  में सिर कटाने के लिए लोग बैठा होता है।
ऐ वतन ,न जाने कितने सिंदूर उजड़ गए तेरी आजादी में !!!
लेखक: ललन राज
मेरे तरफ से नोजोटो फैमिली और पूरे देशवासी को ७४th गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं।।

©lalanrajrock12 #भारत मां तेरी आजादी में

#IndianRepublic
ए वतन, ना जाने कितने सिंदूर उजड़ गए तेरे आजादी में
खुश होके दे दी जिंदगी भारत मां तेरी आंचल में
खुशनसीब समझता हूं खुद को ,ऐसे वतन में जन्म हुआ
जन्हा  देश का बच्चा बच्चा मर मिटने के लिए तैयार रहा
ऐसे वीर गाथाओं को सुनके रोएं रोएं खड़ा हो जाता है
भारत मां  आज भी तेरे हिफाजत  में सिर कटाने के लिए लोग बैठा होता है।
ऐ वतन ,न जाने कितने सिंदूर उजड़ गए तेरी आजादी में !!!
लेखक: ललन राज
मेरे तरफ से नोजोटो फैमिली और पूरे देशवासी को ७४th गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं।।

©lalanrajrock12 #भारत मां तेरी आजादी में

#IndianRepublic

#भारत मां तेरी आजादी में #IndianRepublic #कविता