. अपनो की फिक्र भी किया करते थे वो गैरों की कद्र भी किया करते थे चाहे जान हो या अनजान ही सही वो खुशी का ज़िक्र भी किया करते थे रूह थी इंसान में तब, दिल लगा कर जीते थे एक दूजे का गम साथ में, मिल बाँट कर पीते थे