यूँ ही नहीं भड़क रहा है वो कोई बात पे तड़प रहा है वो कुछ दर्द ऐसी होगी जो कभी बता नहीं सकता कोई चोट तो ज़रूर होगी जो किसी को दिखा नहीं सकता बस अब अपनी तकदीर पे आँहें भर रहा है उस साए में रहकर इस अकेलेपन को तराश रहा है About empathy