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जब तुम मिलोगे शिकायते हैं तो बहुत सारी! मगर मोहब्

जब तुम मिलोगे

शिकायते हैं तो बहुत सारी!
मगर मोहब्बत के सिवा ,
कुछ ना कहूंगा!
जब तुम मिलोगे

तैरना आता नहीं मुझे।
मै तुम्हारी आंखों में डूबुंगा!
बस तुम हाथ थाम लेना,
जब तुम मिलोगे।

गर्मी है बहुत आज,
मौसम की मिजाजी में।
बस तुम मुझ पर बरस जाना,
जब तुम मिलोगे!

पानी से नहीं बुझती
मिलकर,प्यास मेरी तुमसे
तुम ओठों से नुर बरसाना
जब तुम मिलोगे मिलोगे
जब तुम मिलोगे

शिकायते हैं तो बहुत सारी!
मगर मोहब्बत के सिवा ,
कुछ ना कहूंगा!
जब तुम मिलोगे

तैरना आता नहीं मुझे।
मै तुम्हारी आंखों में डूबुंगा!
बस तुम हाथ थाम लेना,
जब तुम मिलोगे।

गर्मी है बहुत आज,
मौसम की मिजाजी में।
बस तुम मुझ पर बरस जाना,
जब तुम मिलोगे!

पानी से नहीं बुझती
मिलकर,प्यास मेरी तुमसे
तुम ओठों से नुर बरसाना
जब तुम मिलोगे मिलोगे