*हां, तुम साथ ही तो हो....* हां, तुम साथ ही तो हो, कभी धूप में छाया बन के, कभी नदी का किनारा बन के, कभी सुबह की चाय बन के, तो कभी रात का ख्वाब बन के... *हां, तुम साथ ही तो हो....* मेरे साथ बैठी रहती हो, कभी सहारा बन के, कभी यारा बन के, कभी पराया बन के, तो कभी बहाना बन के.... *हां, तुम साथ ही तो हो, हां , तुम साथ ही तो हो।।।* by abhishek baranwal(nobu) written by my best friend