सूरज की लाली समन्दर को रंगे, पंछियों का झुण्ड घर को लौटे, दिन की ताप ठंड मे खो जाए, असमान मे पतंगें शांत हो जाए, दिन की थकान मिटने को आए, कदम ढूंढे मयखाने का पता, साकी से मोहब्बत ऐसी हो जाए, संगीत की धीमी वाणी दिल बहलाए, दर्द सारे गुम हो जाए, चेहरे पे मुस्कान आने को है, मेरे यार समझ लो अब, शाम होने को है!! सूरज की लाली समन्दर को रंगे, पंछियों का झुण्ड घर को लौटे, दिन की ताप ठंड मे खो जाए, असमान मे पतंगें शांत हो जाए, दिन की थकान मिटने को आए, कदम ढूंढे मयखाने का पता, साकी से मोहब्बत ऐसी हो जाए, संगीत की धीमी वाणी दिल बहलाए,