आज- चला जो गांव के रस्ते याद बहुत कुछ आया है..... देख पुरानी सड़कों को अब अजी मन मेरा मुस्काया है... इक ही पल में भान हो आया अजी इन पे कितना दौड़े है... बचपन से जो दौड़ भी लगाई उसे अब तक ना ही रोके है... अजी भूल नहीं सकते है यारों उन खट्टी मीठी सी यादों को... अजी बेफिक्री में जिये जो यारों बेहद- अनमोल से लम्हों को.. नहीं पता है ये शहर की गालियाँ अजी कहाँ को लेकर जायेंगी... लेकिन यारों यह हमको पता है ये वो सुकून दिला ना पायेंगी.... ©ANOOP PANDEY #गाँव Sweety mehta