ये बारिश की बूंदे तुझको ही तुझको ढूंढे, चले आओ ना साजन तुम्हें देखने को तरसे, कुछ बातें तुमसे कह दूँ कुछ बातें तुमसे सुनलू, वक्त बीत ना जाये ये पल फिर आये ना आये, ये बारिश की बूंदे तुझको ही हरदम ढूंढे, चले आओ ना साजन तुम्हें देखने को तरसे, तुमको बाहों में भरलूँ हर मुश्किल तुम से कह दूँ, जो शिकवे शिकायत तेरे उनको में सारे सुनलू, ये बारिश की बूंदे तुझको ही हरदम ढूंढे, चले आओ ना साजन तुम्हें देखने को तरसे, प्रेम के इस मौसम में तुम्हें अपने रंग में रंग दूँ, जो लाओगे चुनरी वो प्रीत रंगी में ओढू, तेरे होंठों की हँसी चेहरे की ख़ुशी में बन लू, ये बारिश की बूंदे तुझको ही हरदम ढूंढे, चले आओ ना साजन तुम्हें देखने को तरसे, कहता हैं ये जग सारा बेहद होना है जरुरी, उस जमाने को हद वाला इश्क़ सिखा दू, तुम थामों हाथ फिर जिंदगी भर साथ निभा दू। ©Priya Gour बारिश... प्रेम में जरुरी नहीं एक दूसरे पर बहुत सारा दिखावटी प्रेम जताये ये चाँद ला दू, तारे तोडू जैसी बात करे या ये भी जरुरी नहीं की लोगों के बीच अपने रिश्तो को दिखा तमाशा बनाएं,महँगे उपहार और status वाला प्यार जताये, ऐसा जरूरी तो नहीं कुछ रिश्ते समझ, समझदारी और अपनेपन, प्यार, विश्वास,सम्मान, समर्पण से बने होते हैं एक दूसरे की फ्रिक से निभाए जाते हैं जैसे मां हमसे कितना प्यार करती है पर वो कभी ये दिखावे नहीं करते की हम उनके लिए कितने खास है...बिना शब्दों को जाया किये माँ का प्रेम समझ सकते हैं।❣️ #OneSeason #बारिश #13July 8:44