........ वास्तविक रूप: इस term से तात्पर्य को हम इस तरह समझने की कोशिश करते हैं कि, आमतौर पर हम दोगले व्यक्तित्व जी रहे होते हैं - 👉एक जो अंतर्मन में जो हम सोचते या महसूस करते हैं और 👉दूसरा सामाजिक तौर पर जो हम लोगों को दिखाने के लिए normal या बहुत खुश रहते हैं। 🍁इन दो किरदारों के साथ जीते हुए हम अपने आप के साथ बहुत अन्याय कर रहे होते हैं। 🍁इस अन्याय का सीधा असर हमारी मानसिक स्थिति पर पड़ता है। 🌸जैसे: सब के साथ होते हुए भी अकेलापन अथवा अनकही सी बेचैनी जो ना चाहते हुए भी चिड़चिड़ापन या अन्य किसी शारीरिक बीमारी का रुप ले सकती हैं। continue.......... #NojotoQuote #SitForMeditation