शम्शान के बाहर रेहड़ी पर.. कितना बडा है बताशा, देखने आये हैं, दरअसल.. ये तो बहाना है.. वो तो मेरा ज़नाजा देखने आये हैं, मेरे चारों ओर एक अजीब सा, बहुमुखी, विचित्र शोर है, कि कान्धे पर आशिक़ है.. और सनम.. तमाशा देखने आये हैं, #कान्धेपरआशिक़ #jeetbajwa #sarlasingh #sunilkumarsharma