मैं डूबता सूरज नाम लिखूँ क्या तुम उसका संध्या राग बनोगे। मैं बनारस की शाम लिखूँ क्या तुम अस्सी घाट बनोगे। मैं भटकता आवारा सा राही क्या तुम उसकी अंजाम बनोगे। मैं अनकहे अल्फ़ाज़ सा क्या तुम उसके शब्द बनोगे।