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बाल रूप धरी आए हरी  धरा पर दुष्टन के संहार को जो स

बाल रूप धरी आए हरी 
धरा पर दुष्टन के संहार को
जो सुमिरे हरी चरण को
पाए मोक्ष बिन चार धाम को।।

©लेखक ओझा
  जय श्री कृष्ण

जय श्री कृष्ण #Thoughts

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