Nojoto: Largest Storytelling Platform

जब भी थक जाता हूँ इन आंतरिक पीड़ाओं से तो पढ़ लेता ह

जब भी थक जाता हूँ
इन आंतरिक पीड़ाओं से
तो पढ़ लेता हूँ तुम्हारी
विरह पँक्तियाँ ,जब कभी 
स्वयं से पराजित होने का मन
करता है तो देख लेता हूँ
तुम्हारी कविताओ पर स्वयं
की समीक्षाएँ , मैं देख लेता हूँ
संदेशो में किया गया 
तुमसे विनम्र निवेदन
और धूमधाम से मना लेता हूँ
स्वयं ही , स्वयं की
मृत्यु के शोक का महा उत्सव
जब भी थक जाता हूँ मैं
स्वयं के जीवन से
कभी कभी

-- सुल्तान मोहित बाजपेयी #महोत्सव

#NojotoHindi #NojotoMystory #EmotionalHindiQuotestatic #Author #Quotes #Kalakaksh #Kavishala #shayari #poetry
जब भी थक जाता हूँ
इन आंतरिक पीड़ाओं से
तो पढ़ लेता हूँ तुम्हारी
विरह पँक्तियाँ ,जब कभी 
स्वयं से पराजित होने का मन
करता है तो देख लेता हूँ
तुम्हारी कविताओ पर स्वयं
की समीक्षाएँ , मैं देख लेता हूँ
संदेशो में किया गया 
तुमसे विनम्र निवेदन
और धूमधाम से मना लेता हूँ
स्वयं ही , स्वयं की
मृत्यु के शोक का महा उत्सव
जब भी थक जाता हूँ मैं
स्वयं के जीवन से
कभी कभी

-- सुल्तान मोहित बाजपेयी #महोत्सव

#NojotoHindi #NojotoMystory #EmotionalHindiQuotestatic #Author #Quotes #Kalakaksh #Kavishala #shayari #poetry