जब भी थक जाता हूँ इन आंतरिक पीड़ाओं से तो पढ़ लेता हूँ तुम्हारी विरह पँक्तियाँ ,जब कभी स्वयं से पराजित होने का मन करता है तो देख लेता हूँ तुम्हारी कविताओ पर स्वयं की समीक्षाएँ , मैं देख लेता हूँ संदेशो में किया गया तुमसे विनम्र निवेदन और धूमधाम से मना लेता हूँ स्वयं ही , स्वयं की मृत्यु के शोक का महा उत्सव जब भी थक जाता हूँ मैं स्वयं के जीवन से कभी कभी -- सुल्तान मोहित बाजपेयी #महोत्सव #NojotoHindi #NojotoMystory #EmotionalHindiQuotestatic #Author #Quotes #Kalakaksh #Kavishala #shayari #poetry