करते हो शायरी मोहब्बत भी कभी तुम्हारा काम रहा होगा क्यों दफ्तर में खुद को जरा जरा सा छोड़ आते हो घर आते हो तो घर पूरा आया करो... -मिथिलेश बारिया ©VED PRAKASH 73 #गोल_चबूतरा