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हश्र मेरी शायरी का यूँ न कर, जो तुझे मैंने याद करक

हश्र मेरी शायरी का यूँ न कर, जो तुझे मैंने याद करके  लिखी थी, 
मंज़िल भी तब तुम थे, अल्फाज़ भी तुम 
जो मैंने फ़रियाद करके लिखी थी॥ #NojotoPoet
#NojotoHindi
#विचार
हश्र मेरी शायरी का यूँ न कर, जो तुझे मैंने याद करके  लिखी थी, 
मंज़िल भी तब तुम थे, अल्फाज़ भी तुम 
जो मैंने फ़रियाद करके लिखी थी॥ #NojotoPoet
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#विचार
rya9885352730912

@ArYa

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