"जीवन की हर सांझ एक नई भोर को प्रेषित निमंत्रण पत्र है" जिसे हम दोनों अपने पंखों में बांध लौट चुके हैं; अपने अपने देश!! ~©Anjali Rai (शेष अनुशीर्षक में) जैसे चटख धूप में मीलों चलकर कोई भक्त पहुंचा हो मंदिर, या कोई प्रवासी पक्षी दूर देश...!! प्यास से जिसका